CONSIDERATIONS TO KNOW ABOUT SHIV CHALISA LYRICS IN PUNJABI

Considerations To Know About shiv chalisa lyrics in punjabi

Considerations To Know About shiv chalisa lyrics in punjabi

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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

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जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

When the download website link presented inside the publish (सम्पूर्ण शिव चालीसा

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

अस्तुति चालीसा शिविही, सम्पूर्ण कीन कल्याण ॥

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अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

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